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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा) जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। पूर्व सैनिक लीग इकाई लडभड़ोल, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापार मंडल तथा आम नागरिकों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। गुस्साए लोगों ने एक विशाल रोष रैली निकालकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह रोष रैली नई मार्केट से शुरू होकर पूरे लडभड़ोल कस्बे में निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शामिल हुए। लोगो ने आतंकवाद विरोधी नारे लगाकर घटना के प्रति अपना गहरा दुख और रोष व्यक्त किया। इस विरोध प्रदर्शन को स्थानीय व्यापारियों का भी पूरा समर्थन मिला। शहर के सभी व्यापारियों ने सुबह 11 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई। रैली के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस अवसर पर पूर्व सैनिक लीग इकाई लडभड़ोल के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने केंद्र सरकार, विशेषकर केंद्र...

जाईका परियोजना से जुडक़र आर्थिकी को सुदृढ़ बना रही राधा रानी समूह की महिलाएं जोगिन्दर नगर के रैंस भलारा की महिलाएं तैयार कर रही हैं विभिन्न तरह का आचार

 


जोगिन्दर नगर, 19 फरवरी-वन मंडल जोगिन्दर नगर के अंतर्गत वन परिक्षेत्र लडभड़ोल के गांव रैंस भलारा की महिलाएं हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना (जाईका वानिकी परियोजना) के माध्यम से स्वयं सहायता समूह बनाकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रही हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान ग्राम वन विकास समिति रैंस भलारा द्वारा गठित राधा रानी स्वयं सहायता समूह में 9 महिलाएं इसका हिस्सा बनी हैं। इन महिलाओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध विभिन्न तरह के जंगली व प्राकृतिक उत्पादों से आचार, चटनी इत्यादि बनाने का कार्य किया जा रहा है।

जब समूह की प्रधान रीतू देवी से बातचीत की उनका कहना है कि जाईका वानिकी परियोजना के माध्यम से उन्होंने राधा रानी स्वयं सहायता समूह गठित किया है। इस समूह से कुल नौ महिलाएं जुड़ी हुई हैं जो 10 प्रकार का आचार बना रही हैं। जिसमें कद्दू, रेली, अदरक, लहसुन, नींबू, आंवला, गलगल, अरबी, मिर्च, मूली प्रमुख हैं। साथ ही हरड़, आंवला व बेहड़ा का पाउडर भी तैयार किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जनवरी, 2023 में  जाईका  वानिकी परियोजना के माध्यम से आचार चटनी इत्यादि बनाने का तीन दिन का प्रशिक्षण भी हासिल किया है। स्वयं सहायता समूह को विभिन्न तरह की आर्थिक गतिविधियां संचालित करने के लिए एक लाख रूपये का रिवॉल्विंग फंड भी उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाएं अपनी आर्थिक जरूरतों के अनुसार समय-समय पर इंटरलोनिंग भी करती हैं।
रीतू देवी का कहना है कि समूह द्वारा तैयार उत्पादों को स्थानीय स्तर के अलावा विभिन्न मेलों के दौरान स्टॉल इत्यादि लगाकर ग्राहकों को उचित दामों पर उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक जितना भी आचार समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया गया है वह पूरा बिक्री हो चुका है तथा इससे उन्हें अतिरिक्त आय सृजन का एक माध्यम भी मिला है।
क्या कहते हैं अधिकारी
वन मंडलाधिकारी जोगिन्दर नगर कमल भारती का कहना है कि जोगिन्दर नगर वन मंडल की कुल 6 वन रेंज में से पांच जिनमें उरला, जोगिन्दर नगर, लडभड़ोल, धर्मपुर व कमलाह वन रेंज शामिल है में  जाईका वानिकी परियोजना को कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना के माध्यम से कुल 33 वन विकास समितियों के तहत 66 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर लगभग 700 लोगों को जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि हल्दी प्रसंस्करण, कटिंग व टेलरिंग, नीटिंग, आचार चटनी, मशरूम उत्पादन के साथ-साथ टौर के पत्तल निर्माण, लहसुन व अदरक का प्रसंस्करण का कार्य स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। जाईका वानिकी परियोजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को एक दिन से लेकर 45 दिन तक प्रशिक्षण सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए एक-एक लाख रुपये का रिवॉल्विंग फंड भी मुहैया करवाया गया है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री को वन मंडल कार्यालय परिसर जोगिन्दर नगर में सेल्स काउंटर भी स्थापित किया गया है।

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