BREAKING NEWS:

लड भड़ोल महाविद्यालय में सड़क सुरक्षा क्लब द्वारा शपथ ग्रहण व कार्यशाला का आयोजन

Image
राजकीय महाविद्यालय लड भड़ोल में सड़क सुरक्षा क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सभी विद्यार्थियों सहित स्टाफ सदस्यों ने सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन संबंधी शपथ ग्रहण की। इस मौके पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. संजीव कुमार ने उपस्थित विद्यार्थियों व स्टाफ सदस्यों को शपथ दिलवाई। उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में इस गंभीर विषय के प्रति संवेदनशीलता और सजगता की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त सड़क सुरक्षा क्लब के संयोजक प्रो. पंकज कुमार ने कार्यशाला के दौरान युवा विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों व तथ्यों के प्रति जागरूक किया। इसके अंतर्गत सड़क सुरक्षा चिन्ह व लर्नर लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को मुख्य रूप से सम्मिलित किया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व पंजीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत महाविद्यालय के 50 विद्यार्थियों को शामिल किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ संजीव कुमार ने सड़क सुरक्षा क्लब के सभी सदस्यों को सफल कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई दी।

स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं, हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी शुरू नहीं हुई ऑनलाइन प्रक्रिया।


 प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लगी है। एलिमेंटरी से लेकर हायर एजुकेशन में 70 फीसदी स्कूल ही ऐसे हैं, जहां बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत जनजातीय एरिया के स्कूलों में है, जहां या तो बिजली की दिक्कत है या फिर अधिकतर मशीनें खराब पड़ी हैं। हालांकि इन स्कूलों में हर हाल में बायोमीट्रिक मशीनें लगाने की बात कही गई है। इसमें 963 हाई स्कूलों में से 909 स्कूलों में ही बायोमीट्रिक है, वहीं सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रदेश में 1999 हैं और इनमें से भी 1762 स्कूलों में ही बायोमीट्रिक लगी है। इसके साथ ही 276 कालेजों में से 166 कालेजों में ही बायोमीट्रिक मशीनें लगी हैं। शिमला शहर में भी 409 स्कूलों में 20 फीसदी स्कूल अभी बिना बायोमीट्रिक मशीनों के हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जिस मकसद को पूरा करने के लिए ये आदेश जारी हुए हैं, वह कब पूरा होगा।गौर रहे कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर शिक्षा निदेशालय सख्त हो गया है। विभाग ने शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की है। इसका पूरा रिकार्ड भी ऑनलाइन रखा जाएगा। इसके लिए स्कूलों को ई-संवाद ऐप के माध्यम से उपस्थिति लगाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, स्कूलों में उपस्थिति रजिस्टर में भी लगेगी, लेकिन ई-संवाद ऐप पर भी इसका पूरा रिकार्ड होगा। यदि किसी की ई-संवाद ऐप पर उपस्थिति नहीं लगी, तो रजिस्टर में भी अनुपस्थिति ही लगाई जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा की तरफ से ये निर्देश जारी किए गए थे। शिक्षा विभाग ने दो साल पहले ई-संवाद ऐप कार्यक्रम शुरू किया था। पहले कुछ स्कूलों में यह शुरू किया था, इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया।

अभिभावकों को भेजा जाएगा संदेश

उपस्थिति के साथ इस ऐप का यह भी लाभ है कि डाटा जमा करने के बाद विद्यार्थियों की प्रगति के बारे में मोबाइल फोन पर संदेश अभिभावकों को भेजा जाएगा।

Comments