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22 अप्रैल 2025 को विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर लड़ भड़ोल के स्थानीय पाइनग्रोव इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ने स्थानीय बाजार लड़ भड़ोल में जोरदार रैली निकाली व अपने विचारों व नारो से पृथ्वी के सरक्षण के लिए बहुत बेहतर सन्देश दिया।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा)आज 22 अप्रैल 2025 को विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर लड़ भड़ोल के स्थानीय पाइनग्रोव इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ने स्थानीय बाजार लड़ भड़ोल में जोरदार रैली निकाली व अपने विचारों व नारो से पृथ्वी के सरक्षण के लिए बहुत बेहतर सन्देश दिया। उसके साथ ही छात्रों ने मुख्य बस अड्डा लड़ भड़ोल में अपने भाषण के माध्यम से सभी लोगों को इसके बारे में जागरूक करते हुए अपनी पृथ्वी व उसकी साफ सफाई के बारे में लोगों से अपील की। उसके तुरन्त उपरांत पूरे विद्यालय के अध्यापकों व बच्चों ने बनान्दर मैदान में जा कर जहां हाल ही में हमारे क्षेत्र के बहुत बड़े मेले का आयोजन हुआ था वहाँ पूरे परिसर की साफ सफाई की। जहां मेले के आयोजन के बाद चारों तरफ गंदगी ही गंदगी , कूड़ा, प्लास्टिक, गिलास, प्लेट्स, लिफाफे व अनेकों प्रकार का कूड़ा फैला था जो आज प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण भी है। बनान्दर के पूरे मन्दिर परिसर, पंचायत परिसर को बहुत ही बेहतरीन से साफ किया गया जिसमें विद्यालय के सभी स्टाफ ने खुद भी भाग लिया । स्कूल निदेशक बलवंत ठाकुर जी ने कहा कि जब क्षेत्र हमारा है, मेला हमारा है व पृथ्वी हमारी है तो इन सबकी देखभाल व स...

विवाद सुलझा, लडभड़ोल में बनेगा अस्पताल का नया भवन

 


लडभड़ोल अस्पताल की भूमि पर 12 साल से मालिकाना हक को लेकर चल रहा विवाद सुलझ गया है। प्रशासन की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग व भूमि मालिकों की सहमति और समझौते के बाद अब अस्पताल में नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। अब अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार होने से लडभड़ोल क्षेत्र की 22 पंचायतों की करीब 18,000 आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएगी।

करीब एक बीघा 11 बिस्वा भूमि की करीब 77 लाख रुपये का भुगतान भू मालिकों को होने के बाद अब भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम हुई है। एसडीएम डा. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि भूमि के मालिकाना हक को लेकर यह मामला

पहले प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन रहा। अब स्वास्थ्य विभाग और भूमि मालिकों द्वारा जनहित में समझौते के बाद मामला सुलझा

लडभड़ोल अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा मिल चुका है, लेकिन भूमि विवाद के चलते यहां पर नए भवनों का निर्माण लंबे अरसे से लटका हुआ है। दोमंजिला अस्पताल के भवन के कई कमरों में प्लास्टर उखड़ गया है। दीवारों में दरारें व खस्ताहाल भवन में मरीजों की नब्ज चिकित्सकों द्वारा टटोली जा रही है। यहां पर पांच चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। 50 बिस्तर वाले अस्पताल में आपातकालीन सेवाओं के अलावा मरीजों के टैस्ट के लिए प्रयोगशाला, एक्सरे, ईसीजी की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।

 

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