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आंगनवाड़ी विभाग से हेल्पर पद से दो आंगनवाड़ी हेल्पर हुई सेवानिवृत्त!

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🔴लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)आंगनवाड़ी सर्कल लड भडोल के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र ममाण की हेल्पर श्रीमती भानो देवी 60 वर्ष आयु पूर्ण होने पर आज सेवानिवृत हो गईं। साथ ही सर्किल खदर से आंगनबाड़ी केंद्र मांगडोल के हेल्पर माया देवी ने 60 वर्ष आयु  पूर्ण होने पर सेवानिवृत हुईं।इनका कार्यकाल सराहनीय रहा। आज अपने आखिरी दिन की हाजिरी लगाते हुए इन्होंने स्टाफ तथा अन्य लोगों को नाम आंखों से विभाग को अलविदा कहा। इस अवसर पर समस्त आंगनबाड़ी स्टाफ तथा परिजनों ने हार पहना कर उनका जोरदार स्वागत किया। सुपरवाइजर चूड़ामणि तथा पूरे स्टाफ ने मिलकर भानु देवी को सूट और कंबल और माया देवी को सूट और मिक्सी तोहफे के तौर पर भेंट की। आंगनबाड़ी के सुपरवाइजर चूड़ामणि का संपूर्ण स्टाफ ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान इनका व्यवहार सराहनीय रहा।

राजकीय महाविद्यालय लड भड़ोल में राजनीति शास्त्र विभाग के द्वारा संविधान दिवस का आयोजन किया गया.

 

राजकीय महाविद्यालय लड भड़ोल में राजनीति शास्त्र विभाग के द्वारा संविधान दिवस का आयोजन किया गया. संविधान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों की अध्यक्षता कार्यवाहक प्राचार्य प्रोफेसर संजीव कुमार ने की. प्रो. संजीव जी ने महाविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की समस्त संस्थाएं संविधान के अनुसार ही चल रही हैं. अतः हमें भी अपने अधिकारों की जानकारी रखते हुए कर्तव्यों का भलीभांति निर्वाहन करना चाहिए.
कार्यक्रम की शुरुआत देशभक्ति गीत द्वारा की गई. तत्पश्चात विभिन्न प्रतियोगिताओं की श्रृंखलाओं का आयोजन किया गया. जिसमें भाषण प्रतियोगिता में बीए तृतीय वर्ष की पूजा प्रथम, बी. ए. प्रथम वर्ष की भावना द्वितीय, बी. ए. द्वितीय वर्ष की कविता तृतीय स्थान पर रहीं. जबकि पोस्टर मेकिंग में बी.ए. प्रथम वर्ष से साहिल और प्रियांशु संयुक्त संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रहे जबकि बी. ए.  द्वितीय वर्ष से कविता द्वितीय स्थान और बी.ए. प्रथम वर्ष से ज्योति तृतीय स्थान अर्जित करने में सफल रही. दूसरी ओर मॉडल मेकिंग में बी.ए. प्रथम वर्ष से राधिका और नेहा जबकि बी.ए. द्वितीय वर्ष से पूजा अंकिता और बबीता द्वितीय स्थान तथा बी.ए. तृतीय वर्ष से स्वाति तृतीय स्थान प्राप्त करने में सफल रही. कार्यक्रम के कार्यक्रम के अंत में राजनीति शास्त्र विभाग की प्राध्यापिका डॉ. प्रीति द्वारा भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं और मुख्य रूप से प्रस्तावना के महत्व पर प्रकाश डाला गया. इस अवसर पर उनहोंने कहा कि संविधान के बिना राज्य बिना प्राण के शरीर के समान है. अतएव देश के समस्त नागरिकों को संभाव से देखने वाले संविधान के प्रति देशवासियों के मन, सम्मान, समर्पण और सहर्ष अनुपालन का भाव होना नितांत आवश्यक है. इस कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर संजीव के करकमलों से विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान निर्णायक मंडल में डॉ चंचल तथा प्रोफेसर संगीता शामिल रहे. महाविद्यालय के समस्त शिक्षक वर्ग और गैर शिक्षक वर्ग के द्वारा भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका दर्ज की गई. 





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