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लडभड़ोल क्षेत्र की ग्राम पंचायत भडोल के गांव डिबाडऊं में पिकअप गाड़ी पलटने से पांच बाहरी राज्यों के मजदूरों के घायल होने का मामला सामने आया।

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लडभड़ोल क्षेत्र की ग्राम पंचायत भडोल के गांव डिबाडऊं में पिकअप गाड़ी पलटने से पांच बाहरी राज्यों के मजदूरों के घायल होने का मामला सामने आया। रविवार को शाम के समय जम्मू कश्मीर के रहने वाले पांच मजदूर डिबाडऊं में जनरेटर छोड़ने गए हुए थे तो,इस दौरान वापसी में आती बार डिबाडऊं के पास ही पिकअप गाड़ी पलट गई। जिसमें पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों में जम्मू कश्मीर निवासी दिनेश सिंह 22 वर्षीय,मोहम्मद सदीक 30 वर्षीय,मीर हुसैन 33 वर्षीय,कालू 20 वर्षीय,भरत इस्माइल 25 वर्षीय घायल हुए हैं। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से उठाया गया और मौके पर पहुंची 108 एम्बुलेंस के स्टाफ ईएमटी आशुतोष कुमार ने घायलों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया और 108 एंबुलेंस के माध्यम से आनन-फानन में सिविल अस्पताल लाया गया। जहां इमरजेंसी सेवाओं में मौजूद डॉक्टर निखिल शर्मा ने 108 एम्बुलेंस स्टाफ की मदद से घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया। जहां अस्पताल स्टाफ ने पुलिस चौकी लडभड़ोल को इस घटना की जानकारी दी। पुलिस चौकी लडभड़ोल के प्रभारी रमेश कुमार मौके पर पहुंचे और घायलों के बयान भी कलम बंद किए गए हैं। गंभीर रूप स...

लडभङोल में शहनाई और ढोलक वादन की गूंज! चैत्र मास के आगाज पर घर घर जाकर स्वर लहरियां बजाते हैं स्थानीय शहनाईवादक और ढोलकमास्टर!


 लडभडोल:भारतीय समाज में कोई शुभ अवसर हो या मातम का। जब तक वाद्य यंत्र की धुन न गूंजे तब तक वह अधूरा ही माना जाता है। अंतर सिर्फ इतना होता है कि अगल-अलग अवसरों पर अलग-अलग धुन में वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं। मगर आज यह कला और इसके कलाकार अपना अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। न तो सरकार इनकी ओर ध्यान देती है और न ही आज के युवा इसे अपनाना चाहते हैं।मगर आधुनिकता के जमाने में लडभड़ोल क्षेत्र में शहनाई की धुन आज भी जिंदा है। हिमाचल की संस्कृति में आज कल चैत्र महिना चला है। इसे स्थानीय लोग बीहरू माह के रूप में मानते हैं। मान्यता के अनुसार, इस माह के दौरान शहनाई वादक घर-घर जाकर शहनाई बजाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी शहनाई की आवाज सुनते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आते हैं। शहनाई की आवाज का आनंद उठाते हैं। इसकी एवज में लोग उन्हें आटा, चावल, पैसे आदि देते हैं।कुछ ऐसा ही नजारा आजकल को लडभड़ोल के पुराने बाजार में देखने को मिला, जब तहसील मुख्यालय लडभड़ोल के नजदीकी गांव दलेड़ निवासी शहनाई वादक परस राम व ढोलक मास्टर राजकुमार लोगों के घरों में दस्तक देकर शहनाई व ढोलक बजा कर चैत्र माह के आगाज के बारे में शहनाई की की गूंज से लोगों को अवगत करवा रहे थे।शहनाई वादक परस राम ने बताया कि कई पीढिय़ों से उनके परिवार में शहनाई बजाने का कार्य करते आ रहे हैं। पहले उनके दादा, पिता शहनाई बजाते थे और अब वे पिछले करीब 47 वर्षों से शहनाई बजाने का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा शादी,जन्मदिन व अन्य शुभ अवसरों पर भी शहनाई बजाते हैं।

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