BREAKING NEWS:

22 अप्रैल 2025 को विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर लड़ भड़ोल के स्थानीय पाइनग्रोव इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ने स्थानीय बाजार लड़ भड़ोल में जोरदार रैली निकाली व अपने विचारों व नारो से पृथ्वी के सरक्षण के लिए बहुत बेहतर सन्देश दिया।

Image
लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा)आज 22 अप्रैल 2025 को विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर लड़ भड़ोल के स्थानीय पाइनग्रोव इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ने स्थानीय बाजार लड़ भड़ोल में जोरदार रैली निकाली व अपने विचारों व नारो से पृथ्वी के सरक्षण के लिए बहुत बेहतर सन्देश दिया। उसके साथ ही छात्रों ने मुख्य बस अड्डा लड़ भड़ोल में अपने भाषण के माध्यम से सभी लोगों को इसके बारे में जागरूक करते हुए अपनी पृथ्वी व उसकी साफ सफाई के बारे में लोगों से अपील की। उसके तुरन्त उपरांत पूरे विद्यालय के अध्यापकों व बच्चों ने बनान्दर मैदान में जा कर जहां हाल ही में हमारे क्षेत्र के बहुत बड़े मेले का आयोजन हुआ था वहाँ पूरे परिसर की साफ सफाई की। जहां मेले के आयोजन के बाद चारों तरफ गंदगी ही गंदगी , कूड़ा, प्लास्टिक, गिलास, प्लेट्स, लिफाफे व अनेकों प्रकार का कूड़ा फैला था जो आज प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण भी है। बनान्दर के पूरे मन्दिर परिसर, पंचायत परिसर को बहुत ही बेहतरीन से साफ किया गया जिसमें विद्यालय के सभी स्टाफ ने खुद भी भाग लिया । स्कूल निदेशक बलवंत ठाकुर जी ने कहा कि जब क्षेत्र हमारा है, मेला हमारा है व पृथ्वी हमारी है तो इन सबकी देखभाल व स...

लडभङोल में शहनाई और ढोलक वादन की गूंज! चैत्र मास के आगाज पर घर घर जाकर स्वर लहरियां बजाते हैं स्थानीय शहनाईवादक और ढोलकमास्टर!


 लडभडोल:भारतीय समाज में कोई शुभ अवसर हो या मातम का। जब तक वाद्य यंत्र की धुन न गूंजे तब तक वह अधूरा ही माना जाता है। अंतर सिर्फ इतना होता है कि अगल-अलग अवसरों पर अलग-अलग धुन में वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं। मगर आज यह कला और इसके कलाकार अपना अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। न तो सरकार इनकी ओर ध्यान देती है और न ही आज के युवा इसे अपनाना चाहते हैं।मगर आधुनिकता के जमाने में लडभड़ोल क्षेत्र में शहनाई की धुन आज भी जिंदा है। हिमाचल की संस्कृति में आज कल चैत्र महिना चला है। इसे स्थानीय लोग बीहरू माह के रूप में मानते हैं। मान्यता के अनुसार, इस माह के दौरान शहनाई वादक घर-घर जाकर शहनाई बजाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी शहनाई की आवाज सुनते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आते हैं। शहनाई की आवाज का आनंद उठाते हैं। इसकी एवज में लोग उन्हें आटा, चावल, पैसे आदि देते हैं।कुछ ऐसा ही नजारा आजकल को लडभड़ोल के पुराने बाजार में देखने को मिला, जब तहसील मुख्यालय लडभड़ोल के नजदीकी गांव दलेड़ निवासी शहनाई वादक परस राम व ढोलक मास्टर राजकुमार लोगों के घरों में दस्तक देकर शहनाई व ढोलक बजा कर चैत्र माह के आगाज के बारे में शहनाई की की गूंज से लोगों को अवगत करवा रहे थे।शहनाई वादक परस राम ने बताया कि कई पीढिय़ों से उनके परिवार में शहनाई बजाने का कार्य करते आ रहे हैं। पहले उनके दादा, पिता शहनाई बजाते थे और अब वे पिछले करीब 47 वर्षों से शहनाई बजाने का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा शादी,जन्मदिन व अन्य शुभ अवसरों पर भी शहनाई बजाते हैं।

STAY AWAY FROM INFECTION, STAY HEALTHY"  BY:- LADBHAROLNEWS.COM

LADBHAROLNEWS.COM में अपनी खबरें प्रकाशित करवाने के लिए RAJESH KUMAR (MINTU SHARMA), MOBILE  NUMBER :- 98177- 42111 पर संपर्क करें।
महत्वपूर्ण  तथा दिलचस्प खबरों और जानकारियों के लिए पढ़ते रहे LADBHAROLNEWS.COM


महत्वपूर्ण नोट:- इस वेबसाइट पर  दिखाई जाने वाले समाचारों का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ जानकारी का आदान प्रदान करना है। हमारा उद्देश्य किसी की भी भावनाओं को आहत करना नहीं है। कृपया इस वेबसाइट पर डाली जाने वाली खबरों को जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से पढ़ा जाए। धन्यवाद।                आपका अपना चैनल LADBHAROLNEWS.COM

Comments