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आंगनवाड़ी विभाग से हेल्पर पद से दो आंगनवाड़ी हेल्पर हुई सेवानिवृत्त!

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🔴लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)आंगनवाड़ी सर्कल लड भडोल के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र ममाण की हेल्पर श्रीमती भानो देवी 60 वर्ष आयु पूर्ण होने पर आज सेवानिवृत हो गईं। साथ ही सर्किल खदर से आंगनबाड़ी केंद्र मांगडोल के हेल्पर माया देवी ने 60 वर्ष आयु  पूर्ण होने पर सेवानिवृत हुईं।इनका कार्यकाल सराहनीय रहा। आज अपने आखिरी दिन की हाजिरी लगाते हुए इन्होंने स्टाफ तथा अन्य लोगों को नाम आंखों से विभाग को अलविदा कहा। इस अवसर पर समस्त आंगनबाड़ी स्टाफ तथा परिजनों ने हार पहना कर उनका जोरदार स्वागत किया। सुपरवाइजर चूड़ामणि तथा पूरे स्टाफ ने मिलकर भानु देवी को सूट और कंबल और माया देवी को सूट और मिक्सी तोहफे के तौर पर भेंट की। आंगनबाड़ी के सुपरवाइजर चूड़ामणि का संपूर्ण स्टाफ ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान इनका व्यवहार सराहनीय रहा।

हिमाचल प्रदेश में डिपुओं से राशन लेने के लिए अब कड़ी शर्तें, देनी होगी अंडरटेकिंग इनकम टैक्स देने वालों की लिस्ट में आते हैं या नहीं, उपभोक्ताओं को डिपुओं में देनी होगी अंडरटेकिंग


 हिमाचल प्रदेश की 5001 उचित मूल्यों की दुकानों में उपभोक्ताओं को राशन लेने से पहले अंडरटेकिंग देनी होगी। उन्हें बताना होगा कि वे आयकरदाताओं की सूची में आते हैं या नहीं। इसके अलावा 18 लाख उपभोक्ताओं को डिपुओं में आधार नंबर भी जमा करवाना होगा। इससे डिपोधारक खुद ऑनलाइन चैक करेंगे कि संबंधित उपभोक्ता इनकम टैक्स भरता है या नहीं। इसके अलावा अब राशन लेने से पहले उपभोक्ताआें को यह भी बताना होगा कि उनका जॉब स्टेटस क्या है। वह किस पद पर कार्यरत है, साथ ही उसकी मासिक व सालाना आय कितनी है।


 बता दें कि राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला इस वजह से लिया है, ताकि इनकम टैक्स देने वाले उपभोक्ताओं का पता लगाया जा सके और वे डिपुओं से सस्ता राशन न ले पाएं। बता दें कि हिमाचल सरकार ने करीब एक लाख 60 हजार आयकर दाताओं के लिए ये कड़े कदम उठाए हैं, ताकि वे सस्ता राशन न ले सकें। इससे पहले भी राज्य सरकार आयकरदाताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके राशन को ब्लॉक करने का फैसला ले चुकी है। हालांकि अब राज्य सरकार ने आयकरदाताओं के लिए डिपुओं में राशन के अलग से रेट तय किए हैं। डिपुओं में आयकरदाताओं से चावल, चीनी व अन्य खाद्य वस्तुओं के ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं।


सरकार की नई शर्तों के अनुसार अंडरटेकिंग न देने वाले उपभोक्ताओं को डिपुओं में राशन नहीं दिया जाएगा। यह आदेश सरकार व खाद्य आपूर्ति विभाग ने सभी उपभोक्ताओं को दे दिए हैं। इसके अलावा सरकार हर माह सभी उपभोक्ताओं से ली गई अंडरटेकिंग चैक करेगी। अगर किसी डिपोधारक द्वारा कोई लापरवाही की गई तो उपभोक्ता का कार्ड भी जब्त किया जा सकता है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि सरकारी डिपुओं में सस्ता राशन गरीबों को ही मिलना चाहिए। राज्य में 5001 उचित मूल्यों की दुकानें हैं, वहीं 3261 कोऑपरेटिव सोसायटी की दुकानें हैं। इसके साथ ही प्रदेश में छह लाख 79 हजार 247 राशन कार्ड हैं, जिनके जरिए 18 लाख लोग सस्ते राशन का लाभ ले रहे हैं।

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