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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा) जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। पूर्व सैनिक लीग इकाई लडभड़ोल, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापार मंडल तथा आम नागरिकों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। गुस्साए लोगों ने एक विशाल रोष रैली निकालकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह रोष रैली नई मार्केट से शुरू होकर पूरे लडभड़ोल कस्बे में निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शामिल हुए। लोगो ने आतंकवाद विरोधी नारे लगाकर घटना के प्रति अपना गहरा दुख और रोष व्यक्त किया। इस विरोध प्रदर्शन को स्थानीय व्यापारियों का भी पूरा समर्थन मिला। शहर के सभी व्यापारियों ने सुबह 11 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई। रैली के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस अवसर पर पूर्व सैनिक लीग इकाई लडभड़ोल के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने केंद्र सरकार, विशेषकर केंद्र...

एसएमसी अध्यापकों के लिए खुशखबरी! जारी रहेंगी सेवाएं, पांच से छह माह का रुका हुआ वेतन भी होगा जारी!


 राज्य के 2613 एसएमसी शिक्षकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। मंगलवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में 2020-2021 के लिए एसएमसी शिक्षकों की एक्सटेंशन को सरकार ने बढ़ा दिया है। अब एसएमसी शिक्षक स्कूलों में छात्रों को पढ़ा सकेंगे। इसके साथ ही इस साल एसमएसी शिक्षकों के रुके वेतन को भी सरकार जारी करेगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मिडिया से रू-ब-रू शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से एसएमसी शिक्षकों को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता है, तब तक स्कूलों में 2613 शिक्षक छात्रों को पढ़ाएंगे। राज्य सरकार इन शिक्षकों की सेवाएं लेती रहेगी। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षकों को लेकर आगामी फैसला सुप्रीम कोर्ट का क्या होता है, यह देखना अहम होगा।


 बता दें कि प्रदेश के विभिन्न स्कूलोंं में 2613 एसएमसी शिक्षक  कई वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। यह शिक्षक वर्ष 2002 में एक पालिसी के तहत लगे थे। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय ने एसएमसी शिक्षकों की भर्तियों को रद कर दिया था, जिसके बाद शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। शिक्षकों ने हाई कोर्ट से भर्तियों को रद करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जहां सुप्रीम कोर्ट ने आठ अक्तूबर को हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। प्रदेश में 130 के करीब स्कूल ऐसे हैं, जो एसएमसी शिक्षकों के सहारे ही चल रहे हैं। वर्ष 2012 से ये शिक्षक स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


23 को सुनवाई


एसएमसी शिक्षकों की भर्ती पर अब सुप्रीम कोर्ट में 23 नवंबर को अगली सुनवाई होगी। प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थायी तौर पर इनकी तैनाती की है।

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