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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा) जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। पूर्व सैनिक लीग इकाई लडभड़ोल, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापार मंडल तथा आम नागरिकों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। गुस्साए लोगों ने एक विशाल रोष रैली निकालकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह रोष रैली नई मार्केट से शुरू होकर पूरे लडभड़ोल कस्बे में निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शामिल हुए। लोगो ने आतंकवाद विरोधी नारे लगाकर घटना के प्रति अपना गहरा दुख और रोष व्यक्त किया। इस विरोध प्रदर्शन को स्थानीय व्यापारियों का भी पूरा समर्थन मिला। शहर के सभी व्यापारियों ने सुबह 11 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई। रैली के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस अवसर पर पूर्व सैनिक लीग इकाई लडभड़ोल के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने केंद्र सरकार, विशेषकर केंद्र...

लड्ड भडोल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जा रहा निर्जला एकादशी का पर्व। जगह-जगह लगाई जा रही छबीले।

लड्ड भडोल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जा रहा निर्जला एकादशी का पर्व। जगह-जगह  लगाई जा रही छबीले।

  पाठकगण, हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान धडकता है । हर वर्ष 24 एकादशी होती है परंतु जब मल मास या अधिक मास आता है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। जेठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इस व्रत  में निर्जल रहकर उपवास किया जाता है। इसलिए इसे  निर्जला एकादशी कहते हैं।   
                                             

 हिंदू धर्म में इस पर्व का है महत्वपूर्ण  स्थान।

हिंदू धर्म इस पर्व का महत्वपूर्ण स्थान है ।जो लोग सभी एकादशी का उपवास नहीं रखते, अगर  केवल निर्जला एकादशी का व्रत रख ले तो उन्हें वर्ष भर की सभी एकादशी के व्रत का पुण्य लाभ मिलता है, ऐसी मान्यता है।                                   निर्जल रहकर किया जाता है व्रत। छबीले लगाकर लोगों को देते है  मीठा पानी और फल।                  इस दिन लोग निर्जल  रहकर उपवास रखते हैं। आज के दिन चावल या चावल से बनी चीजें नहीं खाई जाती। इस दिल तुलसी  दल या बिल पत्री को भी नहीं तोड़ते। कहा जाता है कि पांडव सभी एकादशी का उपवास किया करते थे ,परंतु महाबली  भीम अपने असहनीय भूख से विवश होकर उपवास नहीं कर पाते थे। तब महर्षि व्यास में जी ने उन्हें निर्जला एकादशी का एकमात्र उपवास करने को कहा था। तभी से इस एकादशी का नाम भीमसेनी और पांडव एकादशी भी पड़ा।   धूमधाम से मनाते हैं निर्जला एकादशी पर्व लड भडोल क्षेत्र के लोग ।

 आज लड भडोल में चंदन हिमाचली ,आदित्य उपाध्याय, आशीष शर्मा, शिवम ,प्रीति शर्मा, सृजन शर्मा ,सुधांशु शर्मा और पारथ शर्मा ने छबील का आयोजन किया  हमारे इलाके लड भडोल में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। लोग मीठे शरबत की छबीले लगाते हैं और सबको पिलाते हैं ।साथ में ही फल इत्यादि बांटे जाते हैं ।आज भी पूरे जोर शोर से लड भडोल मैं निर्जला एकादशी मनाई जा रही है।

 
LADBHAROLNEWS.COMसभी इलाका वासियों को इस पावन पर्व की बधाई देता है और छबील आयोजित करने वाले सज्जनों की सराहना करता है। यह पर्व आप सबके लिए मंगलमय हो। 
           

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