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लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)हिम फलावर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़भडोल में आज सीनियर वर्ग का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व्यापार मंडल लड़ भडोल के प्रधान और समाजसेवी सुरेंद्र सोनी ने दीप प्रज्वलित कर किया ।

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लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)हिम फलावर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़भडोल में आज सीनियर वर्ग का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि  व्यापार मंडल लड़ भडोल के प्रधान और समाजसेवी सुरेंद्र सोनी ने दीप प्रज्वलित कर किया ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि का विद्यालय पर प्रांगण में पहुंचने पर हिम फ्लावर परिवार के सभी सदस्यों , बच्चों तथा अभिभावकों ने जोरदार स्वागत किया । उसके उपरांत विद्यालय के हेड बॉय और हेड गर्ल ने उनको बैज लगाकर सम्मानित किया । विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक प्यार चंद राणा ने उनको टोपी पहनाकर सम्मानित किया ,जबकि  कार्यालय प्रभारी करतार जग्गी ने उन्हें साल पहनाकर सम्मानित किया । विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक अंचल शर्मा और प्रधानाचार्य श्री विकास उपाध्याय ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उनकी धर्मपत्नी मधु सोनी को भी साल पहनाकर सम्मानित किया गया। उसके उपरांत विद्यालय के बच्चों ने सरस्वती वंदना, समूह गान, नाटी, एकांकी और भाषण , नारी शसक्तीकरण नाटक, कृष्ण सुदामा का संवाद ...
*🚩🚩जय सिमसा माता🚩🚩*

*नि:संतान के घर संतान देने वाली माता सिमसा शारदा*

भारतवर्ष में ऐसे अनेकों शक्ति पीठ हैं| जिनमें एक एेसा शक्ति पीठ है जहाँ नि:संतान महिलाओं को संतान सुख प्राप्त होता है | यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी तहसील
लड-भड़ोल के सिमस गाँव में स्थित है | यह बैजनाथ से 30.कि.मी. की दूरी पर स्थित है | यहाँ हर वर्ष संतान सुख पाने के लिए हजारों महिलाएं भारतवर्ष के हरेक राज्य से आती हैं | संतान सुख पाने की प्रकिया कुछ इस तरह होती कि महिलाएं मंदिर के फर्श पर सोती हैं | इस‌ प्रकिया के दौरान माता शारदा उन महिलाओं के सपने में किसी लड़की के भेष मे, किसी सुहागिन के भेष में या खुद माता के रूप में आती हैं और कोई भी फल या मेवा उपहार देती है। उदाहरण : आम, केला,सेब,अनार, अखरोट, बादाम, आदि व बचा भी दे देती है | फिर इस दिये हुए उपहार को उस महिला व उसके पति ने तब तक नही खाना होता है जब तक उसे संतान नहीं होती | संतान होने के बाद इस फल को जो सपने में दिया है मंदिर में चढाना पडता है | तब फल खाने की इजाजत मिलती है |संतान प्राप्ति के लिए आने वाली महिलाएं अपने साथ घघरी(घाघरा) या पेटीकोट, एक लौटा व जरूरत अनुसार कंबल लेकर आवश्य आएं।  *6 April 2019 से हर वर्ष की भाँति माता के चैत्र नवरात्रे शुरू हो रहे हैं |* नवरात्रों में शारदा माता मंदिर कमेटी व सिमस यूवक मण्डल की तरफ से नि:शुल्क भोजन व रहने की व्यवस्था की है | मंदिर में उचित भंडारा व सऱाएं की सुविधा भी उपलब्ध है | गांव मे होमस्टे की भी सुविधा उपलब्ध है।

मंदिर में आने वाले भक्त अधिक जानकारी के लिए मंदिर कमेटी व यूवक मण्डल सिमस से संपर्क कर सकते हैं | मोबाइल नंबर है: अमीं चन्द जसवाल 9810641413, 8920317408, 7888469313 गोल्डी प्रधान यूवक मण्डल, सिमस।

होमस्टे : संतोष जसवाल 7018679883

सिमसा शारदा माता पिंडी रूप में विराजमान है | यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है और माता द्वारा संतान देने का सिलसिला भी 400 वर्षों से चला आ रहा है |

कैसे पहुंचे-

रेल मार्ग : पठानकोट रेलवे स्टेशन देश के लगभग सभी भागों से जुड़ा है | फिर आप पठानकोट स्टेशन से जोगिन्दर चलने वाली छोटी ट्रेन या बस से बैजनाथ स्टेशन पहुंच कर वहां से कार या बस से सिमसा माता मंदिर जा सकते हैं | बसें सुबह 8:30 और 9 बजे सीधा बैजनाथ से सिमस जाती हैं।‌ जिसका किराया लगभग 50 रु मात्र है। टैक्सी 800 रुपये मे आसानी से उपलब्ध है।

सड़क मार्ग : पठानकोट – मनाली हाईवे से भी आप बैजनाथ पहुंच सकते है ,दिल्ली और चंडीगढ़ से बैजनाथ के लिए वॉल्वो और साधारण बसें चलती हैं । बैजनाथ से इसकी केवल 30 किमी दूर है

हवाई मार्ग : गगल एयरपोर्ट, धर्मशाला सबसे नजदीक एयरपोर्ट है | यहां के लिए दिल्ली से प्रतिदिन दो फ्लाइट्स की सुबिधा है |

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