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आंगनवाड़ी विभाग से हेल्पर पद से दो आंगनवाड़ी हेल्पर हुई सेवानिवृत्त!

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🔴लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)आंगनवाड़ी सर्कल लड भडोल के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र ममाण की हेल्पर श्रीमती भानो देवी 60 वर्ष आयु पूर्ण होने पर आज सेवानिवृत हो गईं। साथ ही सर्किल खदर से आंगनबाड़ी केंद्र मांगडोल के हेल्पर माया देवी ने 60 वर्ष आयु  पूर्ण होने पर सेवानिवृत हुईं।इनका कार्यकाल सराहनीय रहा। आज अपने आखिरी दिन की हाजिरी लगाते हुए इन्होंने स्टाफ तथा अन्य लोगों को नाम आंखों से विभाग को अलविदा कहा। इस अवसर पर समस्त आंगनबाड़ी स्टाफ तथा परिजनों ने हार पहना कर उनका जोरदार स्वागत किया। सुपरवाइजर चूड़ामणि तथा पूरे स्टाफ ने मिलकर भानु देवी को सूट और कंबल और माया देवी को सूट और मिक्सी तोहफे के तौर पर भेंट की। आंगनबाड़ी के सुपरवाइजर चूड़ामणि का संपूर्ण स्टाफ ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान इनका व्यवहार सराहनीय रहा।

सेना का हर 10वां वीरता पुरस्कार हिमाचली सपूत को, फिर भी अपनी रेजिमेंट नहीं

सेना का हर 10वां वीरता पुरस्कार हिमाचली सपूत को, फिर भी अपनी रेजिमेंट नहीं
देश के पहले परमवीर चक्र विजेता पालमपुर के मेजर सोमनाथ। कारगिल युद्ध में दो परमवीर चक्र समेत कुल चार सर्वोच्च सैन्य सम्मान। सेना का हर 10वां वीरता पुरस्कार हिमाचली जवान के नाम। थलसेना, वायुसेना और नौसेना में सवा लाख से अधिक जवान दे रहे हैं सेवाएं और करीब इतने ही पूर्व सैनिक देश सेवा कर चुके हैं। लेकिन आजादी के 72 साल बाद भी हिमाचल को अपनी सैन्य रेजिमेंट नहीं मिल पाई है।
चुनावों के समय हिमाचल रेजिमेंट की आवाज तो उठती रही है, लेकिन चुनावी शोर थमते ही यह मांग भी ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। प्रदेश से हर पांच साल बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों से कुल चार सांसद और छह साल बाद दो राज्यसभा सदस्य संसद में पहुंचते हैं। बावजूद इसके हिमाचल के नाम से रेजिमेंट की मांग अनसुनी रह जाती है। 
देश के कई राज्यों के नाम पर सेना में रेजिमेंट हैं। उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल दो रेजिमेंट है। हरियाणा में भी जाट और राजपूत नाम से सेना की दो रेजिमेंट्स हैं। लेकिन सेना में करीब एक हजार बहादुरी पुरस्कार हासिल करने वाले सैनिकों के राज्य में एक भी आर्मी की रेजिमेंट नहीं है। सूबे के युवकों को डोगरा रेजिमेंट में भर्ती होने के लिए मीलों दूर फैजाबाद भर्ती केंद्र जाना पड़ता है।

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