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लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)हिम फलावर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़भडोल में आज सीनियर वर्ग का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व्यापार मंडल लड़ भडोल के प्रधान और समाजसेवी सुरेंद्र सोनी ने दीप प्रज्वलित कर किया ।

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लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)हिम फलावर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़भडोल में आज सीनियर वर्ग का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि  व्यापार मंडल लड़ भडोल के प्रधान और समाजसेवी सुरेंद्र सोनी ने दीप प्रज्वलित कर किया ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि का विद्यालय पर प्रांगण में पहुंचने पर हिम फ्लावर परिवार के सभी सदस्यों , बच्चों तथा अभिभावकों ने जोरदार स्वागत किया । उसके उपरांत विद्यालय के हेड बॉय और हेड गर्ल ने उनको बैज लगाकर सम्मानित किया । विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक प्यार चंद राणा ने उनको टोपी पहनाकर सम्मानित किया ,जबकि  कार्यालय प्रभारी करतार जग्गी ने उन्हें साल पहनाकर सम्मानित किया । विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक अंचल शर्मा और प्रधानाचार्य श्री विकास उपाध्याय ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उनकी धर्मपत्नी मधु सोनी को भी साल पहनाकर सम्मानित किया गया। उसके उपरांत विद्यालय के बच्चों ने सरस्वती वंदना, समूह गान, नाटी, एकांकी और भाषण , नारी शसक्तीकरण नाटक, कृष्ण सुदामा का संवाद ...

सेना का हर 10वां वीरता पुरस्कार हिमाचली सपूत को, फिर भी अपनी रेजिमेंट नहीं

सेना का हर 10वां वीरता पुरस्कार हिमाचली सपूत को, फिर भी अपनी रेजिमेंट नहीं
देश के पहले परमवीर चक्र विजेता पालमपुर के मेजर सोमनाथ। कारगिल युद्ध में दो परमवीर चक्र समेत कुल चार सर्वोच्च सैन्य सम्मान। सेना का हर 10वां वीरता पुरस्कार हिमाचली जवान के नाम। थलसेना, वायुसेना और नौसेना में सवा लाख से अधिक जवान दे रहे हैं सेवाएं और करीब इतने ही पूर्व सैनिक देश सेवा कर चुके हैं। लेकिन आजादी के 72 साल बाद भी हिमाचल को अपनी सैन्य रेजिमेंट नहीं मिल पाई है।
चुनावों के समय हिमाचल रेजिमेंट की आवाज तो उठती रही है, लेकिन चुनावी शोर थमते ही यह मांग भी ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। प्रदेश से हर पांच साल बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों से कुल चार सांसद और छह साल बाद दो राज्यसभा सदस्य संसद में पहुंचते हैं। बावजूद इसके हिमाचल के नाम से रेजिमेंट की मांग अनसुनी रह जाती है। 
देश के कई राज्यों के नाम पर सेना में रेजिमेंट हैं। उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल दो रेजिमेंट है। हरियाणा में भी जाट और राजपूत नाम से सेना की दो रेजिमेंट्स हैं। लेकिन सेना में करीब एक हजार बहादुरी पुरस्कार हासिल करने वाले सैनिकों के राज्य में एक भी आर्मी की रेजिमेंट नहीं है। सूबे के युवकों को डोगरा रेजिमेंट में भर्ती होने के लिए मीलों दूर फैजाबाद भर्ती केंद्र जाना पड़ता है।

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